“बिजली नहीं पर बवाल फुल टॉस – मंत्री जी अकेले ही सिस्टम से लड़ते दिखे!”

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

सीन 1: एक मंत्री, कई झटके!

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा खुद को शक्तिहीन बता रहे हैं – यानी बिजली के मंत्री के पास खुद ‘पावर’ नहीं बची!
दो महीने से लगातार वे सिस्टम की लापरवाही, अधिकारियों की अनदेखी और बिजली कटौती पर ऑडियो कॉल्स, बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट्स से आग उगल रहे हैं।

“मैं जेई का ट्रांसफर भी नहीं कर सकता!” – शर्मा जी का फड़फड़ाता हुआ बयान।

सीन 2: मंत्री जी की जान को खतरा?

सोमवार को उनके आधिकारिक एक्स (Twitter) अकाउंट से एक धमाकेदार पोस्ट आया – उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने ‘सुपारी’ ली है और जान को खतरा है।
वजह?
उनका झुकाव बिजली वितरण के निजीकरण की ओर और अधिकारियों को घुटनों पर लाने की जिद।

सीन 3: विरोधी कौन हैं – विपक्ष, यूनियन या सिस्टम?

बिजली कर्मचारी निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर जा रहे हैं — 4 बार 3 सालों में
वहीं, समाजवादी पार्टी भी शर्मा के पीछे हाथ धोकर पड़ी है।

यूनियन लीडर शैलेंद्र दुबे कहते हैं:

“मंत्री जी की हताशा उनके बयानों से छलक रही है। उन्हें यहां निजीकरण लागू करने भेजा गया था, पर हो नहीं पा रहा।”

और आगरा का उदाहरण देते हुए पूछते हैं – “जब मायावती ने निजीकरण किया था, तब आप विदेश में थे क्या?”

सीन 4: क्या मंत्री जी आउटसाइडर हैं?

शर्मा जी कभी गुजरात कैडर के आईएएस थे, फिर मोदी के साथ पीएमओ में पहुंचे। 2020 में VRS लेकर बीजेपी जॉइन की और सीधे मंत्री बन गए।
पर यूपी की ब्यूरोक्रेसी उन्हें अब तक शायद ‘अपना’ नहीं मानती।

सीन 5: सीएम योगी Vs सिस्टम की सफाई मशीन

सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद बिजली विभाग की बैठक लेकर अधिकारियों को लताड़ा।
कहा:

“बिजली की ट्रिपिंग, कटौती और अधिक बिलिंग बर्दाश्त नहीं!” साथ ही रिकॉर्ड बजट का हवाला दिया।

पर सवाल ये –
बजट से अगर बत्ती नहीं जल रही, तो गलती शर्मा की है या सिस्टम की?

सीन 6: अब आगे क्या?

शर्मा का कहना है –

“मैं अकेला हूं पर सही हूं। जनता और भगवान मेरे साथ हैं।”

पर जनता का सवाल –

“बिजली कब आएगी?”

और कर्मचारियों का कहना –

“हमें नौकरी बचानी है, मंत्री जी की नहीं।”

यूपी का पावर गेम – हाई वोल्टेज ड्रामा!

जहां मंत्री जी सिस्टम को बदलने निकले थे, वहीं सिस्टम ने उन्हें ही बदल डाला। कर्मचारी यूनियन, विपक्ष, सोशल मीडिया ट्रोल्स – सब एक साथ। ‘एके शर्मा Vs Everyone’ की लड़ाई में देखना ये है –क्या सच में पावर मिनिस्टर के पास कोई पावर बची है?

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